भारत में अपना कारोबार शुरू करने के इच्छुक कारोबारियों के लिए अपनी कंपनी का पंजीकरण कराना हमेशा से दिक्कतों भरा रहा है। यही वजह है कि भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में 142वें और ईज ऑफ स्टार्टिंग बिजनेस इंडेक्स में 158वें पायदान पर हैं। हाल में कंपनी मामलों के मंत्रालय ने आईएनसी-29 (5 फॉर्म की जगह 1 फॉर्म) पेश किया, लेकिन यह शुरुआती कदम है और सरकार को इस रैंकिंग में सुधार के लिए लंबा सफर तय करना होगा।
आईएनसी-29 से करिए शुरुआत, इसके बारे में जानिए
आईएनसी-29 ने अभी तक पुरानी प्रक्रिया की जगह नहीं ली है, लेकिन डीआईएन आवंटन, नाम लेने, पैन और टैन के साथ ही ईएसआईसी पंजीकरण के माध्यम से अधिकारियों के साथ संवाद में खासी कमी आ जाती है। ध्यान रखिए कि भले ही आईएनसी-29 की शुरुआत पैन, टैन और ईएसआईसी पंजीकरण की प्रक्रिया के साथ होती है, लेकिन इससे संबंधित दस्तावेज और जानकारियां कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के ई-बिज पोर्टल पर ही देने की जरूरत होती है।
यह है इसका लिंक-
https://www.ebiz.gov.in/home/
इस फॉर्म के हैं कई भाग
आईएनसी-29 फॉर्म में पंजीकरण की प्रक्रिया से संबंधित कई भाग हैं। यदि आपने मई 2015 से पहले कंपनी पंजीकृत कराई है, आपको तुरंत पता चल जाएगा कि यह प्रक्रिया आपके लिए कितनी आसान हो गई है।
यह फॉर्म इस लिंक से डाउनलोड किया जा सकता है-
http://www.mca.gov.in/MinistryV2/Download_eForm_choose.html
इसमें कई चरण शामिल हैं
प्रक्रिया 1
- एमसीए अधिकृत एजेंसी से डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट हासिल कीजिए
- लगने वाला समयः 2 से 5 दिन
- पूरी लागतः 1,500 रुपये
किसी भी प्रस्तावित डायरेक्टर एमसीए 21 की ई-फाइलिंग के लिए एमसीए से अधिकृत एजेंसी से क्लास-2 डिजिटल सिगनेचर प्रमाण पत्र (डीएससी) हासिल करना चाहिए। इसके लिए टीसीएस, ई-मुध्रा और एन-कोड सहित 6 वेंडर हैं। इन वेंडरों की दरें 400 रुपये से 2,650 रुपये के बीच हैं। इसके लिए आवेदन को क्लास-2 फॉर्म, पैन कार्ड की स्व-प्रमाणित प्रति, विदेशी होने की स्थिति में पासपोर्ट की प्रति और वोटर आईडी/राशन कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/बिजली-पानी का बिल/आधार कार्ड का स्व-प्रमाणित प्रति जमा करनी होती है।
प्रक्रिया 2
- आईएनसी-29 की तैयारी
- लगने वाला समय- 1 से 3 दिन
- आने वाला खर्चः कंपनी सेक्रेटरी का शुल्क
डीएससी हासिल करने के साथ ही आप आईएनसी-29 फाइल कर सकते हैं, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है। आईएनसी-29 एक 8 पेज का फॉर्म है, जिसमें कई भागों में जानकारियां देने होती हैं और दस्तावेज अटैच करने होते हैं। जमा करने से पहले कुछ के लिए कंपनी सेक्रेटरी के सिगनेचर की जरूरत होती है।
फॉर्म में एक बार गलती होने पर आपको दुबारा जमा करने का मौका एक बार ही मिलता है। इसके बाद आपको फाइलिंग फीस जमा करनी होगी और सरकार से रिफंड के आवेदन करना होगा। इसलिए आईएनसी-29 के लिए जरूरी दस्तावेज और अटैचमेंट्स का ध्यान रखने की जरूरत है।
डायरेक्टर इन्फॉर्मेशन नंबर (डीआईएन) एप्लीकेशन
तीन डायरेक्टर तक आईएनसी-29 के माध्यम से डीआईएन के लिए आवेदन कर सकते हैं। बाकी अलग से ऐसा कर सकते हैं। डीआईएन वह संख्या है जिसके माध्यम से एमसीए कंपनियों के निदेशकों की पहचान करती है। डीआईएन हासिल करने के लिए कई दस्तावेज जमा करने होते हैं।
नाम पर स्वीकृति लेने की यह है प्रक्रिया
पुरानी प्रक्रिया में आपको कंपनी के नाम के लिए प्राथमिकता के क्रम में 6 विकल्प देने की अनुमति होती है, वहीं आईएनसी-29 में आपको सिर्फ एक विकल्प ही देना होता है। इसलिए एमसीए के नाम से संबंधित दिशानिर्देश पढ़िए, जिससे पहले ही प्रयास में आपका फॉर्म स्वीकृत हो जाए। इसके लिए आपको कई नियमों को ध्यान में रखना होता है। इन नियमों को इस लिंक पर देखा जा सकता है।
मेमोरैंडम ऐंड आर्टीकिल्स ऑफ एसोसिएशन
आईएनसी-29 के साथ मेमोरैंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) और आर्टीकिल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) अटैच करने की जरूरत होती है। इसे कंपनी सेक्रेटरी तैयार कर सकता है और नहीं भी, लेकिन उसके सिगनेचर जरूर होने चाहिए। एमओए में आपके कारोबार की मुख्य वस्तुओं का उल्लेख होगा। आपको आईएनसी-9 के माध्यम से सभी सब्सक्राइबर्स के शपथ पत्र भी अटैच करने होंगे। इन दस्तावेजों का खर्च कंपनी सेक्रेटरी पर निर्भर करेगा, जिसकी सेवाएं आपने ली हैं।
पंजीकृत कार्यालय का सत्यापन
सभी कंपनियों का एक पंजीकृत कार्यालय पता होना चाहिए। यह एक व्यावसायिक स्थल नहीं होता है। यह एक निदेशक का घर हो सकता है। लेकिन इसके लिए मालिक (यदि संपत्ति किराये की है) की एनओसी के साथ किरायेनामा या सेल डीड (यदि संपत्ति पर मालिकाना हक हो) की एक प्रति उपलब्ध कराने की जरूरत होती है।
नियुक्ति पत्रों और उद्घोषणा
आवेदन के साथ कई अटैचमैंट लगाने की जरूरत होती है। इन्हें स्व-प्रमाणित करने की जरूरत होती है, लेकिन कंपनी की प्रामाणिकता और उद्घोषणाओं के साथ अलग से कंपनी सेक्रेटरी का घोषणा पत्र जरूरी होता है। इसके लिए ये अटैचमेंट की जरूरी होते हैः
1.निदेशकों, सीईओ, प्रबंधकों के नियुक्ति पत्र
2.आईएनसी-9 में पहले निदेशक द्वारा उद्घोषणा
3.डीआईआर-2 फॉर्म में नियुक्त निदेशक और प्रबंध निदेशक द्वारा उद्घोषणा
प्रक्रिया 3
-आईएनसी-29 जमा करना
-लगने वाला समय- 1 दिन
-खर्चाः 2,000 रुपये+अधिकृत कैपिटल फी+ स्टैम्प शुल्क
दस्तावेज क्रम से लगाएं, फिर जमा करें आईएनसी-29
फॉर्म भरिए और सभी जरूरी दस्तावेज अटैच करें। सुनिश्चित कर लें कि कुछ रह तो नहीं गया है, अन्यथा फॉर्म दुबारा जमा करना होगा। यदि रजिस्ट्रार को आपके द्वारा दुबारा जमा किए गए फॉर्म में कुछ कमी मिली तो इसे पूरी तरह रद्द कर दिया जाएगा।
एक बार फॉर्म जमा करने पर आप को एक पेमेंट गेटवे से फीस और स्टैम्प ड्यूटी जमा करने के लिए कहा जाएगा। अधिकृत कैपिटल फी के मुताबिक फीस बदल जाएगी और लोकेशन के हिसाब से स्टैम्प ड्यूटी लगेगी। अधिकांश राज्यों में स्टैम्प ड्यूटी समान है, लेकिन कुछ राज्यों में यह ज्यादा है।
प्रक्रिया
-निगमन (इनकॉरपोरेशन) सर्टिफिकेट जारी कराना
-लगने वाला समयः 2 दिन तक
-खर्चाः कुछ नहीं
सरकार दो दिनों के भीतर इन्हें हासिल करने का दावा कर रही है। उम्मीद है कि योजना के मुताबिक पैन, टैन और ईएसआईसी पंजीकरण को जल्द ही आईएनसी-29 के साथ जोड़ दिया जाएगा। इससे प्रक्रियाओं में और कमी आ जाएगी और संभवतः ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में और सुधार देखने को मिलेगी।
source : http://money.bhaskar.com/news/MON-SME-OPP-starting-business-in-india-this-is-a-simple-way-4995064-PHO.html
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