Indian Government Give Relaxation/Concession to Hindu & Sikh Refugees From Pakistan & Afganistan

पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हजारों हिन्दू और सिख शरणार्थियों को राहत प्रदान करते हुए भारत सरकार ने आज विस्थापित लोगों के लिए कई प्रकार की रियायतों की घोषणा की जिनमें उन्हें नागरिकता प्रदान करने के लिए नियमों में छूट देना भी शामिल है।
                                                                               

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके अनुसार 31 दिसंबर 2009 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के पात्र आवेदक आनलाइन की जगह हाथ से लिखे आवेदन भी दे सकते हैं।
प्रस्ताव में स्वीकार किया गया है कि पात्र आवेदक भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र पाने के लिए मुश्किलों का सामना कर रहे थे। ये लोग अब अपने आवेदन पासपोर्ट के साथ दे सकते हैं। हालांकि आवेदक का लंबी अवधि का वीजा, नागरिकता के लिए आवेदन पत्र जमा कराने के समय वैध होना चाहिए। ये आवेदन जिलाधिकारी या उपायुक्त को दिए जा सकते हैं। आवेदन पत्र के साथ जो हलफनामा नियम 38 के तहत नागरिकता नियम 2009 के तहत पेश किया जाएगा उसे परित्याग प्रमाणपत्र के स्थान पर समझा जाएगा। इन दोनों देशों के अल्पसंख्यक समुदाय के जो बच्चे अपने माता पिता के पासपोर्ट के आधार पर भारत आ गए थे, वे भी भारतीय नागरिकता के लिए पासपोर्ट के बिना आवेदन कर सकते हैं। ऐसा भारत में बितायी गयी अवधि के नियमितीकरण के बाद किया जाएगा। अल्पसंख्यक समुदाय के जिन बच्चों का जन्म भारत में हुआ है वे भी बिना पासपोर्ट के भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दे सकते हैं।
गौरतलब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने कहा था कि उन्हें पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के उत्पीड़न की जानकारी है। उन्होंने कहा था कि वह भारत में आए इस समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने में हो रही दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करेंगे।

source : hindi.newsroompost.com
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