हजारीबाग/रांची. सुमित ने उड़ने वाला ड्रोन (हेलिस्कारपियन) तैयार किया है। यह ड्रोन भारतीय सेना के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। इसकी डिजाइन अब तक के बने सभी ड्रोन से अलग है। सुमित विवेकानंद सेंट्रल स्कूल में 12वीं का छात्र है।
सुरक्षित कंट्रोल प्रणाली से लैस है ड्रोन का टेल
ड्रोन के बारे में बताया जाता है कि यह वोरटेक्स नामक घुमावदार हवा में फंसकर ध्वस्त हो जाते हैं। लेकिन सुमित के ड्रोन के टेल में वोरटेक्स कंट्रोल प्रणाली भी लगाई गई है। इस प्रणाली से ड्रोन सुरक्षित रहेगा। ईएमपी का उपयोग इस हेलिस्कारपियन में डेमोन्सट्रेशन हेतु एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है। इसका काम एक ताकतवर इलेक्ट्रोमैगनेटिक पल्स छोड़ना है।
भारतीय सेना के लिए हो सकता है काफी उपयोगी
किसी भी रडार सिस्टम को कर सकता है मिनटों में ध्वस्त
सुमित रंजन के बनाए इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस हेलिस्कारपियन से निकले ईएमपी से सीमा क्षेत्र में आने वाले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को नष्ट किया जा सकता है। इसमें विरोधी पक्ष की संचार प्रणाली को मिनटों में क्षति पहुंचाई जा सकती है। इससे विरोधी पक्ष के वायरलेस और कंप्यूटर सिस्टम ठप हो सकते हैं। इसके हमले के बाद वे आपस में जब संवाद नहीं कर पाएंगे, तो उन्हें आसानी से गिरफ्तार किया जा सकेगा।
अब तक 22 आविष्कार किए हैं छात्र ने, सभी जनोपयोगी
युवा आविष्कारक सुमित ने अब तक 22 आविष्कार किए हैं। इनके सभी इनवेंशन आम लोगों के लिए उपयोगी हैं। वह पढ़ाई करने के साथ जर्मन काउंसिल फॉर लो एनर्जी न्यूक्लियर रिएक्शन के एक्टिव मेंबर एवं नाबार्ड के अंतर्गत काम करने वाली संस्था एनएचएफ मेें वॉलेंटियर रिसर्चर हैं। उनका सपना थ्योरेटिकल फिजिसिस्ट बनकर ऑटोमोबाइल एवं एक वेपन इंडस्ट्री खोलने का है। चाहते हैं कि भारत विश्व में सबसे ताकतवर देश बने।
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