जानिए कुछ रोचक तथ्य अपने चेकबुक और चेक के बारे में


एक चेक आपके बैंक अकाउंट की पूरी कुंडली सबके सामने ला सकता है। 
चेक नंबर 
चेक नंबर 6 डिजिट का होता है। यह आपके चेक बुक की रनिंग सीरीज का नंबर होता है। किसी भी तरह के रिकॉर्ड के लिए सबसे पहले चेक नंबर ही देखा जाता है। अगर आप किसी को चेक इश्यू कर रहे हैं तो सबसे जरूरी है चेक नंबर।

MICR 
इसका मतलब होता है मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन | यह नंबर बैंक को उस ब्रांच का पता लगाने में मदद करता है, जिससे चेक इश्यू किया गया है। चेक के इस कोड को एक खास चेक रीडिंग मशीन पढ़ती है। यह 9 अंकों का एक नंबर होता है, यह नंबर तीन अलग-अलग भागों में बांटा जाता है।
1-   सिटी कोड  - MICR कोड के पहले तीन डिजिट सिटी कोड होते हैं। यह आपके शहर के पिन 
कोड के पहले तीन डिजिट के ही होते हैं। इस नंबर को देखकर आप पता लगा सकते हैं कि किस शहर से आपका चेक आया है।
2-   बैंक कोड - MICR कोड के अगले तीन अंक उस बैंक की जन्म कुंडली खोलते हैं, जो हर बैंक   का एक यूनीक कोड होता है। इस कोड से आप बैंक का पता लगा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर
 ICICI  बैंक का कोड होता है 229, HDFC का 240.
3-   ब्रांच कोड - MICR कोड के आखिरी तीन डिजिट ब्रांच कोड होते हैं। हर बैंक का अपना अलग   ब्रांच कोड होता है। यह कोड बैंक से जुड़े हर ट्रांजैक्शन में इस कोड का प्रयोग किया जाता है।

बैंक अकाउंट नंबर 
यह नई चेक बुक्स में होता है। अगर आपका ध्यान पुरानी चेक बुक पर जाएगा, जो कोर बैंकिंग सॉल्यूशन से पहले प्रिंट की गई थीं, उसमें यह नंबर नहीं होता है।

ट्रांजैक्शन आईडी 
आपके चेक के नीचे छपे नंबरों में से अंतिम दो अंक दिखाते हैं आपका ट्रांजैक्शन आईडी। 29, 30 और 31 एट पार चेक को दर्शाते हैं और  09, 10 और 11 लोकल चेक को।

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