Vibrant Gujrat

Proud on Gujrat

बीते दिन यानी की 1 मई को गुजरात ने अपने स्थापना दिवस के 55 वर्ष पूरे कर लिए।
ऑटोमोबाइल्स के लिए तो यह राज्य अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशी कंपनियों की भी पहली पसंद बन चुका है। टाटा की ‘नैनो’ हो या फ्रांस की ‘रैनो’, इन्हें गुजरात की ही पार्किग पसंद आई। बात इन्फ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म या फिर इकोनॉमी की हो, गुजरात आज पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी क्रम में पेश हैं, गुजरात के वे स्पेशल प्रोजेक्ट्स, जिनका लोहा पूरी दुनिया ने माना।

1st May Gujrat Nav Varsh, now completed its 55th anniversary.
The state of  joy and well known structure and well settled infrastructure. it represent Bharat to the world on economics, employement, technologieds, studies, automobiles all of the field.
Gujrat is some step ahead of become an develop state. 
Some of projects which represent india as big economy of the world in our future.



अहमदाबाद में साबरमती नदी पर बना भारत का यह अपनी तरह का पहला और अनूठा प्रोजेक्ट है, जिसका अभी पहला चरण ही पूरा हुआ है। 11 किमी के क्षेत्र में बने इस वाक-वे का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2012 को किया था।
इस रिवरफ्रंट के बनने से पहले तक नदी के किनारे का हाल बेहाल था। जहां-तहां गंदगी का अंबार लगा रहता था। नदी के दोनों तरफ झुग्गी-झोपड़ियां थीं और सारा कचरा यहीं फेंका जाता था। इतना ही नहीं, यह क्षेत्र कई तरह की गैरकानूनी गतिविधियों जैसे अवैध शराब बनाना, देह व्यापार, चोरी के सामान का विक्रय केन्द्र बन चुका था।
यह प्रोजेक्ट अब तक देश-विदेश के लगभग 20 पुरस्कार प्राप्त कर चुका है। जिनमें ‘बेस्ट इनोवेटिव प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर’ ‘प्रधानमंत्री का बेस्ट पुरस्कार’, ‘बेस्ट आर्कीटेक्ट ऑफ द ईयर’, ‘बेस्ट सिविल प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर’आदि शामिल हैं।

पाटण जिले के सांतलपुर तालुका के सीमावर्ती इलाके और कच्छ के सफेद रण से लगा हुआ चारणका गांव सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए मिसाल बन गया है। गुजरात पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा लगभग 1287 करोड़ रुपए का सोलर पार्क का प्रोजेक्ट चारणका गांव में ही स्थित है। रेगिस्तानी इलाके चारणका में 3000 एकड़ बंजर भूमि पर स्थापित गुजरात सोलर पार्क पूरे एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। इसका शिलान्यास दिसंबर-2010 में और उद्घाटन 19 अप्रैल 2012 में किया गया था। यह सोलर पार्क विंड और सोलर एनर्जी का हाईब्रिड पावर प्रोजेक्ट है। इस प्लांट से रोजाना 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जो आसपास के गांवों में सप्लाई की जाती है।


धोलेरा प्रोजेक्ट गांधीनगर के पास साबरमती नदी किनारे 886 एकड़ भूखंड में आकार ले रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से चल रहे इस प्रोजेक्ट के पूर्ण हो जाने के बाद प्रदेश आर्थिक और औद्योगिक विकास की नई ऊंचाईयों को छुएगा।
देश में यह एकमात्र ऐसा स्थल होगा, जहां से विश्व की किसी भी देश की करंसी में कारोबार किया जा सकेगा। आने वाले दिनों में देश-दुनिया के बड़े-बड़े बिजनेसमैन का नाम इस सिटी के साथ जुड़ा हुआ दिखाई देगा। यह देश का पहला और एशिया का तीसरे नंबर का अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेंटर होगा। इसे स्पेशल इंस्वेस्टमेंट रीजन (सर) प्रोजेक्ट भी कहा जाता है। प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी गुजरात इन्फ्रास्ट्रक्चर डव्हलपमेंट बोर्ड (जीआईडीबी) के हाथों में है।
गिफ्ट सिटी का विस्तार:
- 6.20 करोड़ चौरस फीट इलाके का सुपर बिल्ट-अप एरिया
- 4.20 करोड़ चौरस फीट एरिए में गगनचुंबी कॉमर्शियल टॉवर्स
- 1.40 करोड़ चौरस फीट एरिए में रेसिडेंशियल टॉवर का निर्माण

गुजरात की स्थापना के समय वर्ष 1960 तक इस प्रदेश की राजधानी अहमदाबाद थी, लेकिन गुजरात और महाराष्ट्र के बंटवारे के समय गांधीनगर गुजरात की राजधानी घोषित की गई। गांधीनगर, अहमदाबाद से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर में साबरमती नदी के दाएं तट पर स्थित है।
गांधीनगर भारत का दूसरा ऐसा शहर है जिसे पूरी तरह प्लान करके बसाया गया है। इसे ‘हरित नगर’ (ग्रीन सिटी) कहा जाता है। सचिवालय और मंत्रियों के निवास भी यहां पर हैं। गांधीनगर को आज देश की ग्रीन राजधानी कहा जाता है। 2000 वर्ग किमी क्षेत्र में बसे इस शहर की 54 फीसदी जमीन पर हरियाली है।
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