India's Beautiful Lake's
चंद्रतल झील
लाहौल और स्पीती हिमालय रेंज के बीच ये खूबसूरत झील समुद्र से 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे मून लेक के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि झील को पानी चंद्रा नदी से ही मिलता है। साथ ही, इसका आकार भी आधे चंद्रमा जैसा है।
लद्दाख और तिब्बत से आए व्यापारियों ने इस झील की खोज की थी और कुल्लू, स्पीती के सफर पर बढ़ने से पहले कुछ देर के लिए यहां रुके थे। चंद्रतल झील को देखने का प्लान गर्मियों में ही बनाएं, क्योंकि बाकी समय इसका पानी ठंड से जम जाता है। कुमजुम पास से 6 किमी की दूरी पर स्थित इस झील के क्रिस्टल क्लियर पानी को देखकर एक अलग ही शांति और सुकून का अहसास होता है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान इंद्र अपने रथ से पांडवों में सबसे बड़े युधिष्ठिर को लेने स्वयं यहां आए थे। यहां के लोगों का तो यहां तक कहना है कि रात में यहां परियां भी देखी जाती हैं।
घूमने आने का समय - जून से सितंबर के बीच।
सूरजतल लेक
सूरजतल लेक को लेक ऑफ द सन गॉड के नाम से भी जाना जाता है जो दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में शामिल बरालाचा ला पास के काफी करीब स्थित है। खूबसूरत पहाड़ों और ग्लेशियर्स के बीच इस झील की बात ही कुछ और है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और शांति लोगों को खासतौर पर आकर्षित करती है। सूरज तल लेक भागा नदी का स्रोत है, जो जम्मू-कश्मीर में चंद्रा नदी में मिल जाती है। वहां इसे चेनाब नदी के नाम से जाना जाता है। वैसे, पूरे साल ये झील बर्फ से ढकी रहती है।
गर्मियों के दिनों में झील की बर्फ पिघलती है और पानी हल्का गर्म हो जाता है, जिसमें स्विमिंग की जा सकती है। इस झील को पवित्र माना जाता है।
घूमने आने का समय - मई से अक्टूबर के बीच।
डल लेक
डल लेक को कश्मीर का दिल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ‘जब-जब फूल खिले’, ‘जंगली’, ‘मिशन कश्मीर’, ‘कभी-कभी’, ‘रॉकस्टार’ जैसी कई फिल्मों की शूटिंग यहां हुई है। झील के आसपास मुगल गार्डन का भी नजारा देखने को मिलता है। साथ ही, यहां की खूबसूरत वादियों का पूरा नजारा हाउसबोट से सैर करते हुए देखा जा सकता है। इस झील में बहुत सारी मछलियां पाई जाती हैं। यही कारण है कि फिशरी यहां की दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। डल लेक के तीनों ओर बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं।
घूमने आने का समय - मई से नवंबर के बीच।
पैनगोंग झील
पैनगोंग झील 600 स्क्वेयर किमी में फैली इस झील को इंडिया और चाइना शेयर करते हैं, साथ ही आसपास के और दूसरे देश भी।
ये वही जगह है जहां ‘थ्री इडियट्स’ में करीना कपूर स्कूटर पर हेल्मेट लगाए बैठकर आमिर खान से मिलते आती है। 13,900 फीट की ऊंचाई पर स्थित पैंगगोंग एक तिब्बती शब्द है जिसका मतलब लंबी और गहरी झील होता है। सर्दियों में यहां का पानी पूरी तरह जम जाता है। यहां कई तरह के वाटर बर्ड्स को देखा जा सकता है। साथ ही, यहां काफी संख्या में ब्राहमनी डक्स, काली गर्दन वाले सारस, सीगल्स आदि भी देखने को मिलते हैं।
घूमने आने का समय - जून से सितंबर के बीच।
लद्दाख में स्थित तोसोमोरिरी लेक देश की खूबसूरत झीलों में शामिल है। यहां ऊंचे और बड़े पठार देखने लायक हैं। इसे माउंटेन लेक के नाम से भी जाना जाता है। इसके खारे पानी की वजह से उसका ये नाम तोसोमोरिरी पड़ गया, जहां कई प्रकार के प्रवासी पक्षियों की तादाद देखी जा सकती है। मेडिटेशन करने के लिए ये झील बहुत ही अच्छा ऑप्शन है।
ये झील इंडिया-चाइना बॉर्डर पर स्थित है जिसे वहां हर किसी को जाने की परमिशन नहीं। झील का पानी नीला और क्रिस्टल की तरह साफ है। इस झील को खास तौर पर नमक के लिए जाना जाता है।
घूमने आने का समय - अप्रैल से अक्टूबर के बीच।
हिमालय के ऊंचे पर्वतों के बीच बहुत सारी खूबसूरत झीलों के नजारे देखने को मिलते हैं। लेकिन रूपकुंड लेक सबसे ज्यादा खूबसूरत है। समुद्र से 5000 मीटर की ऊंचाई पर इस झील में गर्मियों के दौरान बर्फ पिघलने लगती है। यहां बहुत सारे जीवों को देखा जा सकता है। यहां सालों पहले हुए हादसे में मृत शवों के कंकालों को संभालकर रखा जाता है। वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार, ये कंकाल 12वीं शताब्दी से संभालकर रखे गए हैं। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई से बहुत कम ही लोग वाकिफ हैं। रूपकुंड लेक एक अकेली ऐसी जगह है, जहां इतने सारे कंकाल देखने को मिलते हैं।
घूमने आने का समय - जून से नवंबर के बीच।
समुद्र से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित डोडीतल लेक बहुत ही खूबसूरत है। इसे दूधीतल लेक के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान गणेश का वास है। उत्तरकाशी से होते हुए यहां तक पहुंचा जा सकता है। थोड़ी ट्रैकिंग तो करनी पड़ती है, लेकिन यहां आकर आप बिल्कुल फ्रेश महसूस करेंगे। डोडीतल लेक चारों ओर से ओक और पाइन के पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां बहुत सारे अलग-अलग प्रकार के पक्षियों को देखा जा सकता है।
घूमने आने का समय - अप्रैल से सितंबर के बीच।
गुरुडोंगमार लेक
सिक्किम के इस लेक की खूबसूरती का अंदाज़ अलग ही है। चाइना बॉर्डर के पास स्थित इस लेक की खूबसूरती शब्दों में बयां नहीं की जा सकती, उसे महसूस किया जा सकता है। इस झील का पानी बहुत ही फ्रेश और क्रिस्टल क्लियर है। ज्यादा ठंड पड़ने पर झील का पानी जम जाता है, लेकिन गर्मियों इसमें तैराकी और फिशिंग का मजा लिया जा सकता है।
घूमने आने का समय - मई से सितंबर के बीच।
source : http://www.bhaskar.com/news/LIF-TRA-indian-have-beautiful-lakes-where-you-can-find-peace-and-relax-4973043-PHO.html
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